जब MBA में प्रवेश नहीं मिला तो प्रफुल्ल ने उसी कैम्पस के बाहर चाय की दुकान खोल ली और आज कराेड़ों में कमाई कर रहे हैं.

धार के एक छोटे से गांव लबरावदा के किसान परिवार के प्रफुल्ल बिल्लौरे IIM अहमदाबाद से MBA करना चाहते थे, लेकिन जब सक्सेस हाथ नहीं लगी तो दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों की ओर रुख किया लेकिन दिल लगा तो अहमदाबाद में. प्रफुल्ल को अहमदाबाद शहर इतना पसंद आया कि वो वहीं बसने की सोचने लगे.

अब रहने के लिए पैसे चाहिए और पैसे के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा, यही सोचकर प्रफुल्ल ने अहमदाबाद में मैकडॉनल्ड में नौकरी कर ली. यहां प्रफुल्ल को 37 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से पैसे मिलते थे और वह दिन में करीब 12 घंटे काम करते थे.

mba chai wala
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नौकरी करते हुए प्रफुल्ल को एहसास हुआ कि वह जिंदगी भर मैकडॉनल्ड की नौकरी तो नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की सोची. लेकिन बिजनेस शुरू करने के लिए पैसे, प्रफुल्ल के पास नहीं थे. ऐसे में प्रफुल्ल ने ऐसा बिजनेस करने के बारे में सोचा जिसमें पूंजी भी कम लगे और आसानी से भी हो जाए.

बस यहीं से चाय का काम शुरू करने का आइडिया उनके दिमाग में आया. काम की शुरुआत के लिए प्रफुल्ल ने अपने पिता से झूठ बोलकर पढ़ाई के नाम पर 10 हजार रुपए मांगे.इन्हीं पैसों से प्रफुल्ल ने चाय का ठेला लगाना शुरू किया.


आज एमबीए चायवाला एक ब्रांड बन चुका है. देश के 22 बड़े शहरों में इसके आउटलेट हैं और अब विदेशो में भी फैंचाइजी खुलने जा रही है. प्रफुल्ल बिल्लौरे का कहना उनके परिवार ने बहुत सपोर्ट किया है, उनका मानना है कि किसी भी काम के लिये इमानदारी से मेहनत की जाये तो सफलता जरुर मिलती है.

टाॅप IIM से बिजनेस और एंटरप्रेन्योरशिप का स्टडी करना उन लाखों उम्मीदवारों का सपना है जो हर साल CAT, XAT और MAT सहित MBA प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होते हैं. मध्य प्रदेश के लबरावदा गांव के एक किसान का बेटा प्रफुल्ल बिलोर ने भी यही सपना देखा था.

प्रफुल्ल ने आईआईएम अहमदाबाद पढ़ने के लिए अहदाबाद चला गया. वहां लगातार तीन साल कॉमन एडमिशन टेस्ट की तैयारी की बावजूद जब कैट की परीक्षा क्लियर नहीं कर पाए तो उन्होंने चाय की दुकान खोल ली और इसका नाम दिया -‘MBA चायवाला’. आज, MBA चायवाला का देश भर में 22 से अधिक आउटलेट्स हैं और अब जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय आउटलेट भी ओपन होने जा रहा है. वर्तमान में प्रफुल्ल करोड़पति हैं. 

प्रफुल की कामयाबी ने उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जो उनका मज़ाक उड़ाया करते थे, प्रफुल ने बताया कि अब लोग मुझसे सलाह मांगते हैं. मैं उन्हें बताता हूं, डिग्री मायने नहीं रखती है. मुझे जो पसंद है, मैं वहीं करता हूं. आपको बता दें कि प्रफुल ने एमबीए छोड़कर चाय का स्टॉल किया था. चाय के बिजनेस को शुरू करने के 4 वर्षो भीतर उन्होंने 3 करोड़ रुपए कमाकर देशभर में तारीफे बटोर ली थी. प्रफुल्ल बिल्लरे की दुकान MBA चायवाला आज यंगस्टर्स में लोकप्रिय ब्रांड बन चुका है.