कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर व टोसीलीजूमैब के टीके के बाद अब ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरीसीन बी टीके की खरीद को लेकर लोगों में होड़ लग गई है।

शहर के रिटेल केमिस्टों व दिलकुशा मार्केट में होलसेल दवा विक्रेताओं के पास लोग डाक्टरों की पर्चियां लेकर पहुंचने लगे हैं। ब्लैक फंगस के खतरे को लेकर लोग ही दवा स्टोर करने में लगे हुए हैं। इससे इस टीके की किल्लत होने लगी है। 

इम्पीरियल मेडिकल हाल के तेजिंदर पाल सिंह बिट्टू का कहना है कि ब्लैक फंगस से निजात दिलाने वाले एम्फोटेरीसीन बी टीके भी डिमांड बढ़ने लगी है। अब सप्ताह में तीन-चार लोग टीके के लिए पर्ची लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं। एक माह पहले इसकी मांग कम थी। अब मांग बढऩे के बाद टीके की सप्लाई में कमी आने लगी है। शहर के कई नामी अस्पतालों से भी फोन आए, परंतु टीके न होने की वजह से मुहैया नहीं करवा पाए।

एम्फोटेरीसीन बी टीके की जमाखोरी रोकने के लिए उठाए कदम : डीसी
डीसी घनश्याम थोरी ने बताया कि एम्फोटेरीसीन बी टीके की जमाखोरी व ब्लैक मार्केङ्क्षटग को रोकने के लिए सरकार से पुख्ता कदम उठाए हैं। सरकार ने इसकी बिक्री की जिम्मेवारी पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन को सौंप दी है। सरकार स्टाक विभाग के सेंट्रल स्टोर से जिला स्तर भेजेगी और वहां से सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को डिमांड के आधार पर पहले पैसे जमा करवा टीके लेने होगे। भारत सीरम व वैक्सीन कंपनी के एक टीके की कीमत 1424.82 रुपये होगी।