बिक्रम सिंह मजीठिया मोदी सरकार की पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर के भाई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शिअद नेता को 23 फरवरी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया था कि विधानसभा चुनाव के दौरान अचानक आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं.

विधानसभा चुनावों के बीच पंजाब की राजनीति को लेकर पंजाब से आज बड़ी खबर सामने आई. ड्रग्स मामले में फंसे शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने गुरुवार को मोहाली की अदालत में सरेंडर कर दिया. अब इस मामले में मजीठिया को कोर्ट ने 8 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया को 20 फरवरी के पंजाब विधानसभा चुनाव तक के लिए आपराधिक मामले मे्ं 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी.

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में बृहस्पतिवार को मोहाली की अदालत में पेश हुए. अदालत परिसर में प्रवेश करने से पहले बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मजीठिया ने कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मैं मोहाली की अदालत के समक्ष पेश हुआ हूं.’

शीर्ष अदालत ने हाल ही में पंजाब पुलिस को राज्य के पूर्व मंत्री को मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में 23 फरवरी तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था ताकि वह राज्य में चुनाव प्रचार कर सकें.

मजीठिया की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 24 जनवरी को खारिज कर दी थी. शिरोमणि अकाली दल के नेता के खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को स्वापक औषधि एवं मन-प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मजीठिया ने जमानत के लिए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी.