amritpal singh on the run
अजनाला थाने पर हमले के आरोपी एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर रविवार को तीन और एफआईआर दर्ज कर दी गई हैं। जालंधर के सलेमा गांव में मिली उसकी काले रंग की ईसुजू गाड़ी में अवैध हथियार मिले हैं।
रविवार को उसके 34 और साथी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अब तक उसके 112 समर्थक दबोचे जा चुके हैं। कई नजरबंद कर दिए गए हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे पंजाब में सुरक्षाबल फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इसी बीच, सूबे में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और 24 घंटे के लिए स्थगित कर दी गई हैं। कई जिलों में धारा 144 लागू है।
अमृतपाल के खिलाफ रविवार पहला मामला उसकी गाड़ी से मिले अवैध हथियारों के संबंध में दर्ज किया गया है। दूसरा मामला जालंधर में बैरिकेड्स तोड़ने और तीसरा केस अमृतसर में दर्ज हुआ है। उसके सात सहयोगियों को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। उसकी ईसुजू गाड़ी से एक वॉकी टॉकी, तलवार, .315 बोर की राइफल व 57 कारतूस मिले हैं।
पुलिस ने अमृतपाल के पैतृक गांव स्थित घर की भी तलाशी ली। अमृतसर से गिरफ्तार अमृतपाल के सहयोगियों से 12 बोर की छह अवैध राइफल, .315 बोर की एक लाइसेंसी पिस्तौल, .32 बोर की एक रिवाल्वर और 322 कारतूस बरामद किए गए हैं। एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके साथी गुरभेज सिंह ने पकड़े गए आरोपियों को हथियार और कारतूस दिए थे। आरोपियों की पहचान हरमिंदर सिंह, गुरवीर सिंह, अजयपाल सिंह, बलजिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, सवरीत सिंह और गुरलाल सिंह के रूप में हुई है। ये सभी अमृतपाल सिंह के डेरे पर रहते थे।
जालंधर पुलिस के डीआईजी स्वपन शर्मा ने बताया कि अमृतपाल सिंह कैसे पुलिस की आंखों के सामने से फरार हो गया। शनिवार सुबह करीब 11.30 बजे जालंधर-मोगा रोड पर एक पुलिस नाके पर उसके काफिले को रोक लिया गया। अमृतपाल के साथ हथियार लेकर चल रहे लोगों को गिरफ्तार किया तो वह अपनी गाड़ी से वहां से भाग निकला। पुलिस की टीमें भी उसके पीछे लगीं।
महितपुर से शाहकोट की तरफ मार्ग पर 45 गांवों में पुलिस छावनी बनाकर रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। गांव स्लेमा जहां से अमृतपाल सिंह कीगाड़ी मिली, उसके आसपास के गांवों में रात 11 से लेकर 6 बजे तक पूरी खाक छानी गई, लेकिन अमृतपाल सिंह हाथ नहीं लगा।
पंजाब पुलिस ने फर्जी खबरें फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ चेतावनी दी है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि वे विभिन्न देशों, राज्यों और शहरों से आने वाली सभी फर्जी खबरों और नफरत भरे भाषणों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, झूठी अफवाहें फैलाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमृतपाल केस की जांच अब एनआईए को सौंपी जा सकती है। ऐसे सबूत हैं कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लगाया था। उसके वित्तीय जाल ने खालिस्तान समर्थकों को देश से बाहर तक पहुंचाया है। सीमा पार से कनेक्शन मिलने के बाद केस की जांच एनआईए को भेजी जा सकती है।
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