केंद्र सरकार का कहना है कि राज्यों के पास अभी भी 1.97 करोड़ वैक्सीन की डोज पड़ी हुई हैं। एकाध राज्यों को छोड़ दें तो कोई भी साफ तौर पर यह नहीं कह रहा है कि उनके पास वैक्सीन की कमी है। इसके बावजूद देश भर में वैक्सीन की रफ्तार दिनों दिन सुस्त पड़ती जा रही है। 18 मई, 2021 को देश में सिर्फ 13.08 लाख डोज दी गई। अगले दिन यानी 19 मई को सिर्फ 11.59 लाख डोज ही दी जा सकीं।

क्या राज्य सरकारें सुस्त हैं। वैक्सीन लेने वाले सुस्त पड़ रहे हैं या दो डोज के बीच बढ़े अंतर ने सुस्ती बढ़ा दी है। ये सवाल लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं।

 एक तरफ जहां वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं में जोश है वहीं 45 से उपर आयु वर्ग में सुस्ती दिखी है जबकि केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि दूसरी डोज वालों को प्राथमिकता दी जाए। आठ से 14 मई के बीच वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 66.86 लाख थी जो 15-18 मई के चार दिनों में घट कर 10.99 लाख डोज रह गई है।8 से 14 मई के बीच वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 66.86 लाख थी जो 15-18 मई के चार दिनों में घट कर 10.99 लाख डोज रह गई है।

अगस्त से दिसंबर के बीच देश में तकरीबन सवा दो अरब वैक्सीन रहेगी उपलब्ध

सरकार का यह दावा तर्कपूर्ण दिखता है कि अगस्त से दिसंबर के बीच देश में तकरीबन सवा दो अरब वैक्सीन उपलब्ध होगी जिससे पूरी आबादी को वैक्सीन लगाई जा सकेगी। लेकिन अभी हकीकत यह है कि 10 अप्रैल, 2021 के बाद से वैक्सीन लगाने की रफ्तार बिगड़ी हुई है। हफ्ते के तीन-चार दिन 20 लाख या इससे कुछ ज्यादा वैक्सीन दी जाती हैं और फिर यह घट कर 15-16 लाख पर आ जाती है। 26 अप्रैल, 2021 को 31.95 लाख वैक्सीन दी जाती हैं लेकिन हफ्ते भर बाद दो मई को यह 5.14 लाख हो जाती है। उतार-चढ़ाव का यह दौर लगातार जारी है। 11 मई को 24.36 लाख वैक्सीन दी जाती हैं लेकिन 16 मई को यह 6.83 लाख हो जाती है।

मई के पहले 19 दिनों में देश में कुल 3.14 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए गए

राज्य         व्यस्क आबादी       दोनों डोज लेने वालों की संख्या   फीसद

उत्तर प्रदेश   14.52                   33                                        2.37

बिहार          07.20                   7.1                                      2.37

झारखंड      01.97                   06.7                                     3.40

पंजाब         02.40                   7.11                                     3.48

दिल्ली         01.37                  11.10                                    8.12

हरियाणा     01.74                   09.27                                   5.33

उत्तराखंड   0.77                    06.80                                    8.83

मध्यप्रदेश   05.15                  17.24                                     3.35

गुजरात      4.47                    38.44                                     8.60

बंगाल       06.98                   37.77                                     5.41