मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़े कोरोना केस,सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

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madhya pradesh corona effect
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दिवाली के दौरान मध्य प्रदेश में कोरोना केस बढ़ने की दो बड़ी वजहें हैं. त्यौहार पर खरीदारी के लिए लोग बड़ी संख्या में बाजारों में निकले और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. इसके अलावा लोग मास्क लगाने के प्रति भी गंभीर नहीं दिखे.

दिवाली के मौके पर बाजारों में उमड़ी भीड़ के चलते कोरोना के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है. मध्य प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है.

वहीं, विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार कोरोना से निपटने में फेल हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में त्योहार के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़ ने कोरोना का खतरा बढ़ा दिया है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चेतावनी देते हुए जनता से कहा है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क ही बचाव है. ऐसे में कोरोना गाइडलाइंस का पालन ज़रूर करें. दूसरी ओर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि त्यौहार के मौसम में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़े हैं.

एक हफ्ते में मध्य प्रदेश में कोरोना के 8000 से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए. 7 नवंबर को प्रदेश में कोरोना के 865 नए केस सामने आए थे. 8 नवंबर को 891 और 9 नवंबर को 809 नए केस दर्ज हुए. 10 नवंबर को ये आंकड़ा बढ़कर 900 तक पहुंच गया. 11 नवंबर को कोरोना मामूली गिरावट के साथ 883 नए केस आए.

कोरोना के बढ़ते मामलों पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों से चर्चा करने जा रहे हैं. इस बैठक में बाजार के समय परिवर्तन या रात के लॉकडाउन को लेकर फैसला किया जा सकता है.

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में संक्रमण ज्यादा है, उसपर भी सरकार की नज़र है.बढ़ते केसों को देखते हुए प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है. गुरुवार को भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के आदेश पर औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया और मास्क न पहनने वालों का चालान काटकर जुर्माना वसूला गया.