शिरोमणि अकाली दल की ओर से काफी वक्त पहले से ही मोदी सरकार के जरिए लाए गए कृषि बिलों का विरोध किया जा रहा है. विरोध के चलते अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही अपने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया था.

मोदी सरकार के जरिए लाए गए कृषि बिल का देश में विरोध देखा जा रहा है. किसानों के साथ विपक्ष की ओर से भी मोदी सरकार के कृषि बिल का विरोध किया जा रहा है. इस बीच मोदी सरकार को उसके सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल ने एक और झटका दे दिया है. कृषि बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया है.

सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि एनडीए से अलग होने का फैसला सर्वसम्‍मति से लिया गया है. अकाली दल ने कहा, ‘हमने एमएसपी (MSP) पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से मना करने पर बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया. इसके साथ ही सिख और पंजाबी मुद्दों पर भी सरकार असंवेदनशील थी.’ अकाली दल और बीजेपी की दोस्‍ती 22 साल पुरानी थी.

इससे पहले  शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को मांग की कि पंजाब सरकार तत्काल एक अध्यादेश लेकर आए जिसमें पूरे राज्य को कृषि बाजार घोषित किया जाए ताकि केंद्र के कृषि विधेयकों को यहां लागू करने से रोका जा सके. शिअद ने एक वक्तव्य में कहा, ‘अकाली फोबिया से दिनरात ग्रस्त रहने और अपने विरोधियों पर दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने में व्यस्त रहने के बजाए मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह किसानों की रक्षा के लिए कदम उठाएं.’ बादल ने कहा, ‘केंद्र के नए कानूनों को पंजाब में लागू करने का एकमात्र तरीका यह है कि पूरे राज्य को कृषि उत्पाद की मंडी घोषित कर दिया जाए.’ उन्होंने कहा कि कोई भी इलाका जिसे मंडी घोषित किया गया है वह नए कानून के दायरे से बाहर है. उन्होंने कहा कि इससे ‘बड़े कॉर्पोरेट शार्क’ प्रदेश में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कोर कमेटी की अध्यक्षता करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. जिसके बाद एनडीए से अलग होने का फैसला किया गया. इससे पहले सुखबीर सिंह बादल का कहना था कि अकाली दल के एक बम (हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा) ने मोदी सरकार को हिला दिया है. पिछले दो महीनों से किसानों पर कोई शब्द नहीं था, लेकिन अब 5-5 मंत्री इस पर बोल रहे हैं.

इससे पहले कृषि बिल पर विरोध दर्ज करवाते हुए केंद्रीय मंत्री पद से हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था. हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं. केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद हरसिमरत कौर बादल ने कहा था कि किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है.