बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में पिछले साल 20 दिसंबर को एनडीपीएस एक्ट में मोहाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने तक मजीठिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा उन्हें राहत बड़ी राहत दी थी।

अकाली नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी नियमित जमानत मंजूर कर ली है। मजीठिया इस समय एनडीपीएस अधिनियम में पटियाला जेल में बंद हैं। मजीठिया के वकील मोहाली जिला अदालत पहुंचेंगे। यहां वह बेल बॉन्ड भरेंगे। इसके बाद शिअद नेता को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया जाएगा। मजीठिया के वकील अदालत के लिए रवाना हो चुके हैं।

मजीठिया की याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ के समक्ष पहुंची थी। इससे पहले मजीठिया की इस याचिका पर हाईकोर्ट की दो बेंच सुनवाई से इनकार कर चुकी है। पहले जस्टिस एजी मसीह ने खुद को इस केस से अलग करते हुए इसे अन्य बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया था। 

खास बात यह है कि जस्टिस जस्टिस मसीह पर आधारित बेंच इस याचिका पर बहस पूरी कर चुकी थी और मजीठिया की जमानत पर अपना फैसला भी सुरक्षित रख चुकी थी। इसके बाद याचिका जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस अनूप चितकारा की खंडपीठ में सुनवाई के लिए आई थी। 15 जुलाई को जस्टिस अनूप चितकारा ने खुद को इस केस से अलग कर लिया। इसके बाद चीफ जस्टिस के निर्देश पर इस याचिका पर जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने सुनवाई की।

बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में पिछले साल 20 दिसंबर को एनडीपीएस एक्ट में मोहाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने तक मजीठिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा उन्हें बड़ी राहत दी थी। मतदान के बाद 24 फरवरी को मजीठिया ने मोहाली की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद उन्हें पटियाला जेल भेज दिया गया था। 10 मार्च को चुनाव परिणाम आया तो बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर ईस्ट से चुनाव हार गए थे। अभी वह पटियाला जेल में बंद हैं।