कोरोना वायरस के बीच किसानों को बड़ी राहत मिली है। केंद्र ने बुधवार को डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक पर सब्सिडी में 140 फीसद की बढ़ोतरी की है।

उर्वरक की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बाद ये फैसला लिया गया है। ऐसे में किसानों को डीएपी के 500 रुपये की जगह 1,200 रुपये प्रति बोरी की सब्सिडी मिलेगी। यहां फायदा का सौदा यह भी है कि वैश्विक मूल्य वृद्धि के बावजूद किसानों को 1,200 रुपये प्रति बोरी की पुरानी दर पर ही डीएपी उर्वरक मिलेगा। इस सब्सिडी पर सरकार 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी। भारत में यूरिया के बाद डीएपी सबसे अधिक खपत होने वाला उर्वरक है।

पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत

पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी। केंद्र सरकार हर बोरी के लिए 500 रुपये की सब्सिडी दे रही थी और इसलिए कंपनियां इसे 1,200 रुपये में किसानों को बेच रही थीं।

सब्सिडी बढ़ने से 1,200 रुपये में खरीदना जारी रख सकेंगे किसान

हाल ही में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 फीसद से 70 फीसद तक बढ़ गई हैं। इसलिए, हिसाब लगाया जाए तो डीएपी बोरी की वास्तविक कीमत अब 2,400 रुपये तक है, लेकिन सब्सिडी बढ़ाने के सरकार के फैसले से किसानों को प्रत्येक डीएपी बैग 1,200 रुपये में खरीदना जारी रखने में मदद मिल सकेगी।