पंजाब में ‘फर्जी’ ड्रग केसों में आएगी कमी

पंजाब में फर्जी ड्रग केस अब कम हो जाएंगे और मोटर व्हीकल पर ड्रग (दवाइयों) की ट्रांसपोर्टेशन करने वालों को राहत मिलेगी। यह सब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश से संभव हुआ है। दरअसल ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत होलसेलर से दुकानों तक दवाइयों की मोटर व्हीकल पर सप्लाई का एक अलग लाइसेंस होता है। हाईकोर्ट एडवोकेट दिपांशु मेहता के मुताबिक, आजादी के बाद से और एनडीपीएस एक्ट बनने के बाद से अभी तक ऐसा कोई लाइसेंस पंजाब में जारी ही नहीं हुआ था।

इसके चलते व्हीकल्स पर ड्रग की दुकानों आदि तक सप्लाई करने वाले लोगों को रोक उन पर झूठे ड्रग केस दर्ज हो जाते थे। अब हाईकोर्ट के आदेशों के बाद लाइसेंस जारी होना शुरू होगा। ऐसे में ड्रग मामलों में कमी आएगी और असली केस ही दर्ज होंगे। हाईकोर्ट ने पंजाब स्टेट फार्मेसी काउंसिल को मामले में आदेश जारी किए हैं।

हाईकोर्ट में जलालाबाद के राजेश कुमार ने एक केस दायर किया था। वह स्थानीय मुटनेजा मेडिकल एजेंसी प्रॉपराइटर हैं। उनकी तरफ से एडवोकेट दिपांशु मेहता और एडवोकेट हिमांशु मेहता ने पैरवी की थी। इसमें पंजाब सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, पंजाब स्टेट फार्मेसी काउंसिल और फाजिल्का के जिला ड्रग इंस्पेक्टर को पार्टी बनाया गया था।

बठिंडा, फिरोजपुर आदि जहां ड्रग केस ज्यादा हैं, वहां कई मल्टीनेशनल कंपनियों की फार्मा होलसेल यूनिट हैं। वहां से आगे मोटर व्हीकल पर बिना लाइसेंस ड्रग सप्लाई होती है। पंजाब में अभी तक ऐसा कोई लाइसेंस ही जारी नहीं हुआ है।

याची को मई 2018 में ड्रग एंड कॉस्मेटिक रुल्स, 1945 के नियम 61(1) के तहत लाइसेंस मिला था। सितंबर 2021 में उसने रुल्स के नियम 62-सी/62-डी के तहत सेकेंडरी लाइसेंस की मांग की, ताकि वह मोटर व्हीकल पर ड्रग(दवाइयों) की सप्लाई कर सके, हालांकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं था, जिसके तहत वह ऑनलाइन लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकें। कुछ दिनों बाद उसने ऑफलाइन यह लाइसेंस अप्लाई किया।

याची के मुताबिक, न तो लाइसेंस का काम प्रोसेस में आया और न ही कोई जवाब दिया गया। ऐसे में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में मांग की गई थी कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाएं कि संबंधित नियमों के तहत यह लाइसेंस जारी किया जाए। इसके जरिए याची मोटर व्हीकल पर दवाइयों का वितरण कर सके। इस संबंध में 25 सितंबर 2021 को एक मांगपत्र भी प्रतिवादी पक्ष को दी गई थी, जिसमें लाइसेंस के लिए अप्लाई करने की ऑनलाइन सुविधा शुरू करने की मांग की गई।

याची के मुताबिक, ड्रग एंड कॉस्मेटिक रुल्स के तहत उन्हें जो लाइसेंस जारी हुआ है, वह उन्हें ग्राहकों/वेंडर्स को दवाइयों के होलसेल वितरण का अधिकार देता है। हालांकि उन्हें अपने गोदाम से दवाइयां ग्राहकों/दुकानों/वेंडर्स तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। नियमों के तहत मोटर व्हीकल पर ड्रग की सप्लाई के लिए एक अलग लाइसेंस चाहिए होता है। इसकी उन्हें बहुत जरुरत है। एरिया ड्रग इंस्पेक्टर ने उन्हें बताया था कि पंजाब स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पास यह लाइसेंस बनेगा। हालांकि उचित फीस और फार्म भरने के बाद भी यह नहीं बना।