इस कोरोना काल में भी पानी बर्बाद करने वालों पर चंडीगढ़ नगर निगम का जनस्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई कर रहा है। पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ एक महीने से अभियान चलाया जा रहा है।

चंडीगढ़ में पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ नगर निगम ने सख्ती कर दी है। निगम ने 18 टीमों का गठन किया है जो पानी बर्बाद करने वालों पर नजर रख रही है। एक महीने में 1326 लोगों को नोटिस और चार लोगों के कनेक्शन काटे गए हैं।जनस्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब तक 1326 लोगों को पानी बर्बाद करते हुए पकड़ा है। जिन्हें नोटिस जारी कर चेतावनी देकर छोड़ा गया है।

विभाग की टीमों ने 15 अप्रैल से पानी बर्बाद करने वालों के चालान काटना शुरू कर दिए गए हैं। वहीं, इस समय दक्षिणी सेक्टरों में कई जगह पानी के लो प्रेशर की दिक्कत भी शुरू हो गई है। इस एक माह के दौरान 167 लोगों के तीन-तीन हजार रुपये के चालान काटे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जागरूक करना पहला कार्य है। जब कोई नहीं मानता है तो उसका चालान किया जाता है। नगर निगम ने 18 टीमों का भी गठन किया है। जुर्माना जमा न करने वालों का शुल्क पानी के बिल में जोड़कर भेजा जाता है।

गाड़ी धोने वालों, बगीचों में पीने के पानी से सिंचाई करने पर पाबंदी

गाड़ी धोने वालों, बगीचों में पीने के पानी से सिंचाई करने पर पाबंदी है। दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार का चालान किया जाता है। इस दौरान टीम की कार्रवाई में बाधा डालने वालों का सामान भी जब्त किया जा रहा है। अब तक 30 लोगों का सामान जब्त किया है। साथ ही चार घरों का कनेक्शन भी काटा है।

गाड़ी धोने के लिए कर सकते हैं बाल्टी का प्रयोग

अगर कोई बाल्टी में से कम पानी का प्रयोग करके गाड़ी धो रहा है या फिर सिंचाई करता है तो उस पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। चीफ इंजीनियर शेलेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार लोगों को पहले चेतावनी दी जा रही है। फिर भी कोई नहीं मानता तो उनका चालान काटा जाता है।

पहली बार तीन हजार और दूसरी बार कटता है पांच हजार का चालान

पहली बार पानी की बर्बादी करते पकड़े जाने पर तीन हजार और दूसरी बार पांच हजार रुपये का चालान कटेगा। जबकि तीसरी बार पानी का कनेक्शन ही काट दिया जाएगा। इससे पहले दो हजार रुपये का चालान काटा जाता था लेकिन इस बार जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है। गर्मी शुरू होने से पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है। इसलिए नगर निगम की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 30 जून तक यह कार्रवाई जारी रहेगी। मालूम हो कि सबसे ज्यादा बागवानी में साफ पीने के पानी की बर्बादी वीआइपी इलाकों में होती है। क्योंकि वहां पर ही लोगों के बगीचे हैं। शहर में जिन घरों की छतों की टंकियों से पानी बहता है उनका भी चालान काटने का प्रावधान है। सुबह 5.30 से 8.30 बजे तक यह टीमें शहर में कार्रवाई का अभियान चला रही हैं।

अभियान के दौरान यह न करें

  • घर के बरामदें भी न धोएं
  • छत और अंडरग्राउंड वाटर टैंक ओवरफ्लो न हो
  • वाटर मीटर चेंबर भी लीक नहीं होना चाहिए
  • कूलर भी टपकने और भरते समय ओवरफ्लो नहीं होने चाहिए
  • वाटर सप्लाई लाइन के साथ डायरेक्टर बूस्टर पंप नहीं लगे होने चाहिए