कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में डिजाइन किए गए इस निशान साहिब का निर्माण चीन में किया गया था। इस विशेष चोला साहिब पर बारिश व हवा भी कोई प्रभाव नहीं डालती है।

दरबार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी बुलंदपुरी साहिब में वीरवार को विश्व के सबसे ऊंचे निशान साहिब (255 फीट) को चोला साहिब पहनाने की रस्म अदा करने के लिए समारोह आरंभ हो गया है। इस पवित्र रस्म की गवाह देश-विदेश से पहुंची संगत बनी है। सबसे पहले निशान साहिब को बड़ी श्रद्धा से स्नान कराकर पवित्र चोला साहिब को पहनाया गया। सतनाम वाहिगुरु के निरंतर जाप के साथ संगत की ओर से चोला साहिब को धारण करने की रस्म निभाई जा रही है।

इस मौके पर गुरुद्वारा साहिब की पावन इमारत को फूलों व रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। समागम में पंथ की महान सख्शियतें पहुंच रही हैं। दरबार के संत बाबा बलदेव सिंह जी द्वारा निशान साहिब पर फूलों की वर्षा करेंगे। इसी तरह तख्त श्री केसगढ़ साहिब तथा श्री आनंदपुर साहिब के पांच प्यारे विशेष रूप से शामिल होंगे।

शाम को यह निशान साहिब सम्मानपूर्वक अर्पित किया जाएगा। दिन भर कीर्तन के बाद पुष्पवर्षा के साथ शाम छह बजे जे करीब इसे चढ़ाने की रस्म होगी। 20 फरवरी को शुरू हुआ यह समागम 28 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान निरंतर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की इलाही बाणी का उच्चारण तथा पवित्र दीवान सजाए जा रहे हैं।

बुलंदपुरी साहिब में वीरवार को 255 फुट ऊंचे निशान साहिब पर 450 मीटर कपड़े से चोला साहिब की रस्म अदा की जा रही है। इसे हाईड्रोलिक जैक सिस्टम से उतरा व चढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि 21.21 टन वजन के पवित्र निशान साहिब को यहां पर 24 फरवरी, 2016 को स्थापित किया गया था।